मनोबल या मानसिक शक्ति का प्रत्येक व्यक्ति में अंतर पाया जाता है। शरीर तो एक यंत्र है उसमें कोई
न कोई खराबी होते रहना स्वाभाविक है। शरीर सूख सकता है, जल सकता है, उस पर भौतिक तत्व
अपना प्रभाव डाल सकते हैं, परंतु मन तो तन को शक्ति प्रदान करता है| तन थक जाता है, मन उसे
शक्ति देकर पुनः खडा कर देता है। इसके विपरीत यदि मन थक जाता है तो मन उसको प्रयास करने
के
बावजूद भी शक्ति प्रदान नहीं कर सकता| बिना मन के काम करने में कभी सफलता नहीं मिल
सकती| महापुरुषों के जीवन चरित्र पढने पर ज्ञात होता है कि इन लोगों मे मनोबल अथवा मानसिक
शक्ति प्रबल थी | मुट्ठी भर हड्डियों को लेकर महात्मा गाँधी ने वह कर दिया जो असीम शक्ति रखने
वाला व्यक्ति भी नहीं कर सकता था |
मनुष्य जो भी सफलता प्राप्त करता है अपनी इच्छाशक्ति और मनोबल के आधार पर करता है। यदि
मनुष्य का मन मर जाता है तो उसके लिए संसार में कुछ नहीं रह जाता| उसे चारों ओर से निराशा घेर
लेती है। जब तक उसकी हिम्मत बनी रहती है वह बड़े से बड़े संघर्ष में भी नहीं घबराता| जब तक
मनुष्य में धैर्य और हिम्मत है, वह आगे बढने का प्रयास करता रहता है। वह शांत होकर नहीं बैठता |
(क) महात्मा गाँधी का उल्लेख किस संदर्भ में किया गया है?
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एम.एस. वाइटल्स के अनुसार, मनोबल, संतुष्टि की अभिवृत्ति, निरन्तरता की इच्छा है, जो किसी विशिष्ट समूह या संगठन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए दृढ़ इच्छा एवं सहमति का प्रतीक है।
मोरिस विटलेस के अनुसार, मनोबल, मनुष्यों में शारीरिक एवं भावात्मक रूप से वह स्वस्थ स्थिति है, जो व्यक्ति को उसके कार्य सम्पन्न करने में ऊर्जा, उत्साह एवं आत्मानुशासन की स्थिति प्रदान करती है।
कीथ डेविस के शब्दों में, व्यक्तियों एवं समूह का उनके संगठन के श्रेष्ठतम हित में क्षमतानुरूप स्वैच्छिक योगदान एवं उनके कार्य पर्यावरण के प्रति अभिवृत्तियाँ, मनोबल की प्रतीक है।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि मनोबल के निम्नांकित लक्षण एवं विशेषताएँ होती हैं –
1. मनोबल, व्यक्ति या उसकेसमूह में कार्यरत व्यक्तियों के आन्तरिक बल तथा आत्मविश्वास का परिचायक है।
2. मनोबल एक अदृश्य शक्ति या अभिवृत्ति से तात्पर्य किसी विशिष्ट दिशा में सोचने या विशिष्ट प्रकार का व्यवहार करने से है।
3. सामान्यत: मनोबल सामूहिक होता है अथवा सामूहिक अभिवृत्ति का परिचय देता है।
4. मनोबल उच्च या निम्न हो सकता है। जहाँ उच्च मनोबल से युक्त व्यक्ति कठिन कार्य सहजता से कर दिखाता है, वहीं निम्न मनोबल धारक व्यक्ति को छोटेकार्य भी पहाड़ जैसे दिखाई देते हैं।
मोरिस विटलेस के अनुसार, मनोबल, मनुष्यों में शारीरिक एवं भावात्मक रूप से वह स्वस्थ स्थिति है, जो व्यक्ति को उसके कार्य सम्पन्न करने में ऊर्जा, उत्साह एवं आत्मानुशासन की स्थिति प्रदान करती है।
कीथ डेविस के शब्दों में, व्यक्तियों एवं समूह का उनके संगठन के श्रेष्ठतम हित में क्षमतानुरूप स्वैच्छिक योगदान एवं उनके कार्य पर्यावरण के प्रति अभिवृत्तियाँ, मनोबल की प्रतीक है।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि मनोबल के निम्नांकित लक्षण एवं विशेषताएँ होती हैं –
1. मनोबल, व्यक्ति या उसकेसमूह में कार्यरत व्यक्तियों के आन्तरिक बल तथा आत्मविश्वास का परिचायक है।
2. मनोबल एक अदृश्य शक्ति या अभिवृत्ति से तात्पर्य किसी विशिष्ट दिशा में सोचने या विशिष्ट प्रकार का व्यवहार करने से है।
3. सामान्यत: मनोबल सामूहिक होता है अथवा सामूहिक अभिवृत्ति का परिचय देता है।
4. मनोबल उच्च या निम्न हो सकता है। जहाँ उच्च मनोबल से युक्त व्यक्ति कठिन कार्य सहजता से कर दिखाता है, वहीं निम्न मनोबल धारक व्यक्ति को छोटेकार्य भी पहाड़ जैसे दिखाई देते हैं।
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मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को वर्तमान गुजरात राज्य के पोरबंदर जिले के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी एवं उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। वे अपने तीन भाईयों में सबसे छोटे थे।
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