Psychology, asked by ashishrajkumar955, 5 months ago

मनोगत्यात्मक चिकित्सा में प्रतिरोध की अवस्था क्या है ?​

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Answered by shishir303
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मनोगत्यात्मक चिकित्सा में से तात्पर्य ऐसे मनोवैज्ञानिक उपचार से होता है, जिसमें व्यक्ति या रोगी के व्यक्तित्व गतिकी पर मनोविश्लेषणात्मक परिप्रेक्ष्य में बल दिया जाता है।

मनोगत्यात्मक चिकित्सा में प्रतिरोध की अवस्था : मनोगत्यात्मक चिकित्सा में प्रतिरोध की अवस्था तब उत्पन्न होती है, जब रोगी के मन में कोई लज्जाजनक अथवा कोई विशिष्ट चिंता उत्पन्न करने वाली बात उत्पन्न होती है और ऐसी बात को वह किसी विश्लेषक को बताना नहीं चाहता।

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