Hindi, asked by Anonymous, 7 days ago

मन की एकाग्रता|5 दशा 2: आप अपनी बुद्धि का उपयोग करके मन को बताते हैं, “मुझे अपने मन के बहकावे में नहीं आना चाहिए, बल्कि अपने पढ़ाई करने के कर्तव्य का पालन करना चाहिए जो कि मेरे लिए उपयुक्त है।" (गीता 6.6) क. दशा 1- मन आपका मित्र है; ग. दशा। और दशा2 दोनों में मन आपका दशा2-मन आपकाशत्रु है। शत्रु है। ख.दशा। और दशा2 दोनों में मन आपका घ.दशा।- मन आपका शत्रु है; मित्र है। दशा2-मन आपका मित्र है। ।​

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Answered by melkaniminakshimelka
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Answer:

एचडीजीजेडीटी का एक नया इतिहास के अध्यापक ने एक ऐसा नाम की कोई जरूरत नहीं ऊ ए की ओर जा सकता कि आप उसे अपनी फोटो अपलोड कर सकते है तुम्हें अपनी बात रखने की कोई सीमा नही कर रहा हूं कि तुम ही तुम क्या चाहते थे

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