'मन के हारे हार है, मन के जीते जीत'- इस विचार को आधार बनाते हुए 100-125 शब्दों 13. में अनुच्छेद लिखिए-
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और अपने से समझ कर लिखिए
Explanation:
मन ही वह प्रेरक शक्ति है जो मनुष्य बड़े-बड़े काम करवा लेती है। यदि मन में दुर्बलता का भाव आ जाए तो शक्तिशाली शरीर और विभिन्न प्रकार के साधन भी व्यर्थ हो जाते हैं। ... जब तक हमारा मन शिथिल है तब तक हम कुछ भी नहीं कर सकते। अतः ठीक ही कहा गया है मन के हारे हार है मन के जीते
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