Hindi, asked by vijetamali0, 1 day ago

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। कहे कबीर हरिपाइए, मन ही की परतीत॥ भावार्थ ​

Answers

Answered by kshamarajak23
0

Answer:

भावार्थ: जीवन में जय पराजय केवल मन की भावनाएं हैं।यदि मनुष्य मन में हार गया – निराश हो गया तो पराजय है और यदि उसने मन को जीत लिया तो वह विजेता है। ईश्वर को भी मन के विश्वास से ही पा सकते हैं – यदि प्राप्ति का भरोसा ही नहीं तो कैसे पाएंगे?

Similar questions