Hindi, asked by uaditya247, 2 days ago

मन के हारे हार मन के जीते जीतमन के हारे हार मन के जीते जीत ​

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Answered by rahulgholla
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Answer:

मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत,

मत निराश हो यों, तू उठ, ओ मेरे मन के मीत!

माना पथिक अकेला तू, पथ भी तेरा अनजान,

और जिन्दगी भर चलना इस तरह नहीं आसान।

पर चलने वालों को इसकी नहीं तनिक परवाह,

बन जाती है साथी उनकी स्वयं अपरिचित राह।

दिशा दिशा बनती अनुकूल, भले कितनी विपरबीत।

मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत॥1॥

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