Hindi, asked by jharshwal30, 10 hours ago

मन की मन ही माँझ रही। कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कहीं। अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही। अब इन जोग सँदेसनि सुनि-सुनि, बिरहिनि बिरह दही। चाहति हुती गुहारि जितहिं तैं, उत तैं धार बही। 'सूरदास' अब धीर धरहिं क्यौं, मरजादा न लही।। । is Padmini alankar spasht kijiye

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Answered by Anonymous
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माँझ = जाकर। पै में, भीतर, अंदर। कहिए से। ऊधौ = उद्धव। नाहीं कहें। नहीं। परत = पड़ता, पड़ती। अवधि = निश्चित समय । आस = आवन आने की। बिथा व्यथा, कष्ट। जोग = आशा। योग। सही = सहन की। अधार = आधार, सहारा। सँदेसनि = संदेश को। सुनि-सुनि = सुन-सुनकर। बिरहिनि = वियोग में जीने वाली स्त्री। बिरह = वियोग। दही = जली। चाहति = चाहती। हुतीं गुहारि रक्षा के लिए पुकारना। जितहिं तैं उत उधर, वहाँ। धार धरहिं = धारण करना। मरजादा रखी। = थीं। योग की प्रबल धार। धीर धीरज। मर्यादा, प्रतिष्ठा । न लही -नहीं रखी।

 \bf\pink{\textsf{Answered By MrIncredible}}

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