‘मन्नू भंडारी की मां त्याग और धैर्य की पराकाष्ठा थी- फिर भी लेखिका के लिए आदर्श न बन सकी।’ क्यों?
(cbse class 10 HINDI A question paper 2016)
surabhi7:
hyyyy
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लेखिका की मां एक अनपढ़ घरेलू महिला थी। उनमें देहरी और सहनशक्ति अधिक थी ।उनके सभी काम पति और बच्चों के इर्द-गिर्द घूमते थे। वह हर समय सब की सेवा में तत्पर रहती थी जैसे उन सबका काम करते रहना ही उनका फ़र्ज है। इस तरह उनका कार्यक्षेत्र घर और रसोई घर तक सीमित था। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में कभी किसी से अपने लिए कुछ नहीं मांगा था। उन्होंने दूसरों को अपने पास से सदैव दिया ही था।मां का त्याग और सहनशीलता लेखिका का आदर्श कभी नहीं बन पाया था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
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लेखिका की मां एक अनपढ़ घरेलू महिला थी। उनमें देहरी और सहनशक्ति अधिक थी ।उनके सभी काम पति और बच्चों के इर्द-गिर्द घूमते थे। वह हर समय सब की सेवा में तत्पर रहती थी जैसे उन सबका काम करते रहना ही उनका फ़र्ज है। इस तरह उनका कार्यक्षेत्र घर और रसोई घर तक सीमित था। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में कभी किसी से अपने लिए कुछ नहीं मांगा था। उन्होंने दूसरों को अपने पास से सदैव दिया ही था।मां का त्याग और सहनशीलता लेखिका का आदर्श कभी नहीं बन पाया था।
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