CBSE BOARD X, asked by sapnaseth78, 1 month ago

मन्नू भंडारी की मां त्याग और धमकी पर खासतौर थी एक प्रथा घणी होते हुए लेखिका के लिए आदर्श बन सके क्यों​

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Answered by ritikarokaderokade
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लेखिका मन्नू भंडारी की माँ त्याग और धैर्य की पराकाष्ठा थीं।" त्याग व परिश्रम की मूर्ति थीं, फिर भी वह लेखिका की आदर्श न बन सकीं क्योंकि लेखिका को अपनी माँ को चुपचाप हर बात को मान लेना, पिताजी की किसी भी बात का विरोध न करना, अपने लिए कोई आवाज़ न उठाना, परिवार के लिए अपनी इच्छाओं का दमन कर अपने को उनकी खुशी के लिए स्वाहा कर देना लेखिका के व्यक्तित्व के विपरीत था। लेखिका उस समय की सक्रिय युवती थीं जो हर अनैतिकता के खिलाफ़ खड़ी होती थीं, जुलूस व हड़तालों में भाग लेती थीं। वह उत्साह और ओज से भरी आज़ादी के लिए लड़ने वाली युवती थीं। उन्हें अपनी माँ का दबूपन व अत्याचार का विरोध न करना कभी पसंद न आया।

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