Hindi, asked by styla1, 11 months ago

मन्नू भंडारी ने डॉ. अंबालाल की प्रशंसा को उनका स्नेह क्यों बताया?

Class 10th hindi..​

Answers

Answered by shishir303
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यहां लेखिका ‘मन्नू भंडारी’ ने अपनी आत्मकथा में इस प्रसंग का वर्णन किया है।

ये भारत की आजादी से पहले की घटना है जो कि लेखिका के शहर अजमेर की है।

लेखिका शहर अजमेर में ‘आजाद हिंद फौज’ का कार्यक्रम हुआ जिसमें लेखिका ‘मन्नू भंडारी’ ने भी भाग लिया। शहर के मुख्य चौक पर भाषणबाजी और नारेबाजी हुई। जिसमें ‘मन्नू भंडारी’ ने  भी अन्य छात्र-छात्राओं के साथ भाग लिया और अंग्रेजों के खिलाफ भाषणबाजी व नारेबाजी आदि की।

लेखिका मन्नू भंडारी के पिता थोड़े पुराने विचारों के थे और उनके एक मित्र ने लेखिका के पिताजी के कान भर दिये कि इस ‘मन्नू भंडारी’ का लड़की होकर लड़को के लड़कों के साथ नारेबाजी करना, हड़ताल आदि करते घूमना उचित नहीं है। इस बात से लेखिका के पिता भड़का गये और उसके जाने के बाद पिताजी क्रोध की अग्नि में चलते रहे और यह निश्चय किया कि लेखिका को अब घर से बाहर नहीं निकलने देंगे।

लेखिका के पिताजी क्रोध से अनभिज्ञ जब शाम को घर पर आई तो उसके पिताजी के पास उनके घनिष्ठ मित्र और अजमेर के सम्माननीय डॉ. अंबालाल जी बैठे थे।

वो लेखिका की तारीफ़ कर रहे थे। साथ ही पिताजी को बधाई देते हुए यह बता रहे थे कि उन्होंने लेखिका का भाषण न सुनकर बहुत कुछ खो दिया है। इन सब बातों से पिताजी का क्रोध शांत होता गया और चेहरा गर्व से चमकने लगा।

यहां लेखिका उस प्रसंग का वर्णन करते हुये कहती है कि ये तो उन्हें डॉक्टर साहब अर्थात डॉ. अंबालाल का प्यार और बड़प्पन नज़र था कि उन्होंने उस छोटी बच्ची (लेखिका) की इतनी प्रशंसा की थी। यह भी हो सकता है कि उस पहले इतनी भीड़ और ऐसी परिस्थितियों में चौक पर खड़ी होकर किसी लड़की ने पहली बार बोला होगा। ये डॉ. अंबालाल का स्नेह ही था कि उन्होंने उसके भाषण की तारीफ कर लेखिका के पिताजी के क्रोध को शांत कर दिया।

Answered by Priatouri
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उत्तर इस प्रकार है |

Explanation:

  • लेखिका को डॉक्टर अंबालाल की प्रशंसा स्नेह इसलिए लगी क्योंकि लेखिका को लगता है कि इतनी छोटी उम्र में लेखिका ने क्या ही भाषण दिया होगा।
  • यह तो डॉक्टर साहब का स्नेह था जो उनके हित में वह उनकी प्रशंसा किए जा रहे थे।
  • लेखिका को एक बार को यह भी लगा कि आज से 50 वर्ष पहले अजमेर शहर में चारों ओर से उमड़ी भीड़ में एक लड़की का बिना किसी प्रकार के संकोच और दर के धुआंधार बोलते जाना ही डॉक्टर साहब के स्नेह का कारण रहा होगा।

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