मनोरंजन के साधन विषय पर निबंध लिखो
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प्रात:काल भ्रमण, पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ना, सिनेमा-नाटक देखना, साहित्यिक गोष्ठियों में भाग लेना, कोई खेल खेलना, यात्रा करना, संगीत सुनना, प्राकृतिक दृश्य देखना, नौका-विहार करना, चिड़ियाघर अथवा अजायबघर की सैर करना, कागज के फूल बनाना, चित्रकारी करना, बागबानी करना आदि मनोरंजन के मंगलकारक साधन हैं ।
Answer:
मनुष्य कार्यशील प्राणी है । वह दिन भर अपने काम में लगा रहता है । शाम को अपने काम से छुट्टी पाने पर उसे थकावट महसूस होती है । थकावट दूर करने के लिए उसे शारीरिक और मानसिक विश्राम की आवश्यकता होती है ।
मानसिक विश्राम उसे मनोरंजन द्वारा प्राप्त होता है । इसलि ए मानव जीवन में मनोरंजन का महत्त्वपूर्ण स्थान है । भोजन में जो स्थान अचार-चटनी का है, जीवन में वही स्थान मनोरंजन का है । अचार-चटनी का सेवन करने से जैसे क्षुधा तीव्र हो जाती है वैसे ही मनोरंजन से जीवन को नई शक्ति, स्कूर्ति और नई उमंग प्राप्त होती है ।
हमारे प्राचीन ऋषियों ने जीवन की उदासी, शिथिलता और थकान को दूर करने के लिए ही होली, दीपावली, दशहरा आदि अनेक मनोरंजक उत्सवों का विधान किया था । प्रतिवर्ष ऋतु-परिवर्तन के साथ-साथ जीवन में नई चेतना-शक्ति उत्पन्न करने में उत्सव बड़े सहायक होते थे ।
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