Hindi, asked by ashikasharma764, 4 months ago

मनुष्य
भावविस्तारः
संस्कृत साहित्य में जीवन के लिए अत्यन्त उपयोगी कर्तव्य निर्देश दिए गए हैं जो
यत्र-तत्र सुभाषितों और नीतिश्लोकों के रूप में प्राप्त होते हैं। जरूरत है उन्हें ढूँढने वाले
की। जीवनमार्ग पर चलते हुए जब किंकर्तव्यविमूढ़ता की स्थिति आती है तो
संस्कृत सूक्तियाँ हमें मार्गबोध कराती हैं। नीतिशतक, विदुरनीति, चाणक्यनीतिदर्पण आदि
ग्रन्थ ऐसे ही श्लोकों के अमर भण्डागार हैं।
1. कुछ समानान्तर श्लोक
कर्मणा मनसा वाचा चक्षुषाऽपि चतुर्विधम्।
प्रसादयति लोकं यस्तं लोको नु प्रसीदति॥
सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम्।
प्रियं च नानृतं ब्रूयात् एष धर्मः सनातनः॥
प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।
तस्मात्तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता।
यस्मिन् देशे न सम्मानो न प्रीतिर्न च बान्धवाः।
न च विद्यागमः कश्चित् न तत्र दिवसं वसेत्।​

Answers

Answered by Sasmit257
3

Answer:

कुछ देर कर रही हो सकती हूं मेरी उम्र से ही राजीव ने एक आदमी ने कर दी गई थी लेकिन एक आदमी ने एक दूसरे कर दी गर्भ मे से निकलने और अपनी नैतिक एवं ईट में आए हैं बल्कि इसका क्या महत्व इस बार यह कह रहे कर दी कर ही सकते इसलिए इन इंडिया टीवी कलाकार ने अपना बदला सेक्स एवं विकास को बढ़ावा देने और वह है जो एक आदमी ने अपने जीवन काल कोसबसे अच्छा उपयोग करते हुए यह एक अशुद्ध पेस और सबसे खराब, बहुत आक्रामक होगा। उन कारणों के साथ-साथ व्यावहारिक लोगों के लिए, यह खंड केवल फॉर्म का उपयोग करेगा ।मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है आत्मनिर्भरता तथा सबसे बड़ा अवगुण है स्वाबलंबन स्वाबलंबन सबके लिए अनिवार्य है जीवन के मार्ग में अनेक बाधाएं आती हैं यदि उनके कारण हम निराश हो जाएं संघर्ष से जी चुराने या मेहनत से दूर रहे तो भला हम जीवन में कैसे सफल होंगे आता आवश्यक है कि हम स्वावलंबी बने तथा अपने आत्मविश्वास को जागृत करके मजबूत बने यदि व्यक्ति स्वयं में आत्मविश्वास जागृत कर ले तो दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसे बहन ना कर सके स्वयं में विनाश करने वाला व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब होता जाता है सफलता स्वाबलंबी व्यक्ति के पैर छूती है आत्मविश्वास एवं आत्मनिर्भरता से आत्म बल मिलता है जिससे आत्मा का विकास होता है तथा मनुष्य श्रेष्ठ कार्यों की यत्र-तत्र सुभाषितों और नीतिश्लोकों के रूप में प्राप्त होते हैं। जरूरत है उन्हें ढूँढने वाले

की। जीवनमार्ग पर चलते हुए जब किंकर्तव्यविमूढ़ता की स्थिति आती है तो

संस्कृत सूक्तियाँ हमें मार्गबोध कराती हैं। नीतिशतक, विदुरनीति, चाणक्यनीतिदर्पण आदि

ग्रन्थ ऐसे ही श्लोकों के अमर भण्डागार हैं। प्रशस्त होता है संभाल मानव में गुणों की प्रतिष्ठा करता है आत्मानं आत्मविश्वास आत्मबल आत्मरक्षा साहस व संतोष धैर्य आदि गुण संभाल के संबोधन भाई है संभाल व्यक्ति के जीवन में संबोधन सफलता प्राप्ति कर का महामंत्र है l

मूल बातें

सामान्य संकेत

खुला हुआ

बन्द है

प्रवेश

बाहर जाएं

धक्का दें

खींचें

शौचालय

पुरुषों

महिलाओं

मना किया हुआ

 \cos( \alpha )

Explanation:

कुछ देर कर रही हो सकती हूं मेरी उम्र से ही राजीव ने एक आदमी ने कर दी गई थी लेकिन एक आदमी ने एक दूसरे कर दी गर्भ मे से निकलने और अपनी नैतिक एवं ईट में आए हैं बल्कि इसका क्या महत्व इस बार यह कह रहे कर दी कर ही सकते इसलिए इन इंडिया टीवी कलाकार ने अपना बदला सेक्स एवं विकास को बढ़ावा देने और वह है जो एक आदमी ने अपने जीवन काल कोसबसे अच्छा उपयोग करते हुए यह एक अशुद्ध पेस और सबसे खराब, बहुत आक्रामक होगा। उन कारणों के साथ-साथ व्यावहारिक लोगों के लिए, यह खंड केवल फॉर्म का उपयोग करेगा ।मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है आत्मनिर्भरता तथा सबसे बड़ा अवगुण है स्वाबलंबन स्वाबलंबन सबके लिए अनिवार्य है जीवन के मार्ग में अनेक बाधाएं आती हैं यदि उनके कारण हम निराश हो जाएं संघर्ष से जी चुराने या मेहनत से दूर रहे तो भला हम जीवन में कैसे सफल होंगे आता आवश्यक है कि हम स्वावलंबी बने तथा अपने आत्मविश्वास को जागृत करके मजबूत बने यदि व्यक्ति स्वयं में आत्मविश्वास जागृत कर ले तो दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसे बहन ना कर सके स्वयं में विनाश करने वाला व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब होता जाता है सफलता स्वाबलंबी व्यक्ति के पैर छूती है आत्मविश्वास एवं आत्मनिर्भरता से आत्म बल मिलता है जिससे आत्मा का विकास होता है तथा मनुष्य श्रेष्ठ कार्यों की यत्र-तत्र सुभाषितों और नीतिश्लोकों के रूप में प्राप्त होते हैं। जरूरत है उन्हें ढूँढने वाले

की। जीवनमार्ग पर चलते हुए जब किंकर्तव्यविमूढ़ता की स्थिति आती है तो

संस्कृत सूक्तियाँ हमें मार्गबोध कराती हैं। नीतिशतक, विदुरनीति, चाणक्यनीतिदर्पण आदि

ग्रन्थ ऐसे ही श्लोकों के अमर भण्डागार हैं। प्रशस्त होता है संभाल मानव में गुणों की प्रतिष्ठा करता है आत्मानं आत्मविश्वास आत्मबल आत्मरक्षा साहस व संतोष धैर्य आदि गुण संभाल के संबोधन भाई है संभाल व्यक्ति के जीवन में संबोधन सफलता प्राप्ति कर का महामंत्र है l

मूल बातें

सामान्य संकेत

खुला हुआ

बन्द है

प्रवेश

बाहर जाएं

धक्का दें

खींचें

शौचालय

पुरुषों

महिलाओं

मना किया हुआ

Similar questions