मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो विवेकशील है| वह केवल वर्तमान कि नहीं सोचता, बल्कि भविष्य के बारे में भी विचार कर सकता है| उसमें उचित और अनुचित का ज्ञान कराने वाली बुद्धि है| बुद्धि के दो पक्ष है- सुबुद्धि और दुर्बुद्धि| सुबुद्धि सुमति का पर्याय है और दुर्बुद्धि कुमति का | जब मनुष्य में सुमति रहती है तो वह अच्छे कार्यों में लगता है और इसी से अच्छे-बुरे का विवेक भी होता है| जब वह सुमति से हटकर कुमति से प्रभावित होकर काम करता है तब उसे कठिनाइयों, विपत्तियों आदि का सामना करना पड़ता है| सुमति से संपत्ति, सुख आदि की प्राप्ति होती है और कुमति से अहंकार, घमंड, दंभ, क्रोध आदि दुर्गुणों का विकास होता है, जो आगे चलकर व्यक्ति को कठिनाइयों और उलझनों में फंसाता है| दूसरी और नम्रता पूर्वक आचरण करना, बड़ों का आदर करना, उदार बनना सुमति के लक्षण हैं|नहीं
1. मनुष्य और अन्य प्राणियों में क्या अंतर है?
1 point
पशु सोचते हैं, मनुष्य नहीं
मनुष्य उचित-अनुचित सोचते हैं, जबकि पशु नहीं
पशु अनुचित समझ जाता है, मनुष्य नहीं
उपर्युक्त में से कोई नहीं
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2. मनुष्य अच्छे कार्य कब करता है?
1 point
जब वह सुबुद्धि में होता है
जब वह दुर्बुद्धि में होता है
जब वह कुमति में होता है
जब वह अविवेकपूर्ण स्थिति में होता है
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3. मनुष्य को कठिनाइयों तथा विपत्तियों का सामना क्यों करना पड़ता है?
1 point
कुमति से हटकर काम करने के कारण
सुमति से काम करने के कारण
सुमति से हटकर काम करने के कारण
इनमें से कोई नहीं
4. सुबुद्धि के लक्षण क्या है?
1 point
विनम्रतापूर्ण व्यवहार करना
बड़ों का सम्मान करना
उदारतापूर्वक व्यवहार करना
उपर्युक्त सभी
5. अहंकार, घमंड, क्रोध आदि को दुर्गुण क्यों कहा गया है?
1 point
सुमित से पैदा होने के कारण
मनुष्य को संपत्ति देने के कारण
व्यक्ति की कठिनाइयां बढ़ाने के कारण
उपर्युक्त में से कोई नहीं
Answers
Answer:
1 । मनुष्य उचित-अनुचित सोचते हैं, जबकि पशु नहीं
2 । जब वह सुबुद्धि में होता है
3। सुमति से हटकर काम करने के कारण
4। विनम्रतापूर्ण व्यवहार करना
बड़ों का सम्मान करना
उदारतापूर्वक व्यवहार करना
5। उपर्युक्त में से कोई नहीं
Answer:
मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो विवेकशील है| वह केवल वर्तमान कि नहीं सोचता, बल्कि भविष्य के बारे में भी विचार कर सकता है| उसमें उचित और अनुचित का ज्ञान कराने वाली बुद्धि है| बुद्धि के दो पक्ष है- सुबुद्धि और दुर्बुद्धि| सुबुद्धि सुमति का पर्याय है और दुर्बुद्धि कुमति का | जब मनुष्य में सुमति रहती है तो वह अच्छे कार्यों में लगता है और इसी से अच्छे-बुरे का विवेक भी होता है| जब वह सुमति से हटकर कुमति से प्रभावित होकर काम करता है तब उसे कठिनाइयों, विपत्तियों आदि का सामना करना पड़ता है| सुमति से संपत्ति, सुख आदि की प्राप्ति होती है और कुमति से अहंकार, घमंड, दंभ, क्रोध आदि दुर्गुणों का विकास होता है, जो आगे चलकर व्यक्ति को कठिनाइयों और उलझनों में फंसाता है| दूसरी और नम्रता पूर्वक आचरण करना, बड़ों का आदर करना, उदार बनना सुमति के लक्षण हैं|नहीं
1. मनुष्य और अन्य प्राणियों में क्या अंतर है?
1 point
पशु सोचते हैं, मनुष्य नहीं
मनुष्य उचित-अनुचित सोचते हैं, जबकि पशु नहीं
पशु अनुचित समझ जाता है, मनुष्य नहीं
उपर्युक्त में से कोई नहीं
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2. मनुष्य अच्छे कार्य कब करता है?
1 point
जब वह सुबुद्धि में होता है
जब वह दुर्बुद्धि में होता है
जब वह कुमति में होता है
जब वह अविवेकपूर्ण स्थिति में होता है
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