'मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और उलटी निकलती
हैं'-का आशय स्पष्ट कीजिए।
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'मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और उलटी निकलती हैं'- का आशय स्पष्ट कीजिए। मनुष्य हर स्थिति से निपटने के लिए अपना अनुमान लगाता है। वह अपने अनुसार भविष्य के लिए योजनाएँ बनाता है पर ये योजनाएँ हर बार सफल नहीं हो पातीं। ... कई बार तो स्थिति बिलकुल उल्टी होती है।
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इस कथन का आशय है कि मनुष्य हर परिस्थिति से निपटने के लिए तरह - तरह के अनुमान लगाते हैं और भविष्य की योजनाएं बनाते हैं। लेकिन उसकी सभी योजनाएं सफ़ल नहीं हो पाती। उसे कभी सफ़लता मिलती है तो कभी विफलता। इससे कई बार मनुष्य दुखी हो जाता है। इस पाठ के लेखक ने कुएँ से चिट्ठियाँ निकालने हेतु कई तरकीबें लगाई, योजनाएं बनाई और उसमें कई तरह के फेर - बदल भी किए। अंतः उसे सफ़लता प्राप्त हुई।
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