मनुष्य को अत्याचार तथा दमन के विरुद्ध अंतिम अस्त्र के रूप में विद्रोह ना करना पड़े पड़े आंसर
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10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को स्वीकार और लागू किया। ... चूँकि, यह आवश्यक है कि मनुष्य को अत्याचार तथा दमन के विरुद्ध अंतिम अस्त्र के रूप में विद्रोह न करना पड़े, इसलिए विधि के शासन के द्वारा मानवाधिकारों की रक्षा हो।
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