'मनुष्यों की भीड़ से जाड़े की संध्या भी गरम हो रही थी।
यह पंक्ति लेखक ने किस संदर्भ में लिखा है ?
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pata nahi what is the answer plz tell
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लेखक ने यह पंक्ति कार्निवाल के मैदान में भारी संख्या में उमड़ी भीड़ को दर्शाने के लिए लिखा है। लोगों में कार्निवाल के प्रत्येक गजब का उत्साह था। सब अपने तरीके से कार्निवाल मैं लगे मेले का आनंद उठा रहे थे।
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