मनुष्य का जीवन बहुत संघर्षमय होता है। उसे पग-पग पर कठिनाईयों का
सामना करना पड़ता है। फिर भी ईश्वर द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान इस पृथ्वी
पर हुआ है, मानों धरती का रूप ही बदल गया है। यह संसार कर्म करने वाले
मनुष्यों क आधार पर टिका हुआ है। देवता भी उनसे ईर्ष्या करने है। मनुष्य का
जीवन कर्म बल के कारण श्रेष्ठ है। धन्य है मनुष्य का जीवन ।
प्रश्न-(1) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए ?
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jeevan hi sabse bada dharm hota he
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