Science, asked by chandreshchandresh30, 5 months ago

मनुष्य का जीवन बहुत संघर्षमय होता है। उसे पग-पग पर कठिनाईयों का
सामना करना पड़ता है। फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मित इस
पृथ्वी पर हुई मानो धरती का रूप ही बदल गया है। यह संसार कर्म करते रहने वाले
मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है। देवता भी उनसे ईर्ष्या करते हैं। मनुष्य अपने
कर्मबल के कारण श्रेष्ट है। धन्य है मनुष्य का जीवन।
प्रश्न-1. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
2. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
3. मनुष्य किस कारण श्रेष्ठ माना गया है?​

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Answered by ajakire55
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Answer:

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