"मनुष्य के जीवन के लिए इससे अच्छी और कोई बात नहीं है कि वह सदा मानता रहे कि मेरे लिए सब कुछ अच्छा ही होगा
जो भी कार्य मैं हाथ में लूंगा उसमें मुझे सफलता अवश्य मिलेगी"। बहुत -से मनुष्य यह सोच- सोच कर कि हमें कभी सफलता
मिलेगी या नहीं, देव हमारे विपरीत है, अपनी सफलता को अपने ही हाथों पीछे धकेल देते हैं। उनका मानसिक भाव सफलता
और विजय के अनुकूल बनता ही नहीं, तो सफलता और विजय कहां! यदि हमारा मन शंका और निराशा से भरा है, तो हमारे
कामों का परिणाम भी निराशाजनक ही होगा क्योंकि सफलता विजय और उन्नति की कुंजी तो अविचल श्रद्धा ही है।
प्रश्न
१) मनुष्य के लिए अच्छी बात क्या है?
२) अपनी सफलता को कौन पीछे धकेल देता है?
३) हमें शंका और निराशा से क्या हानि होती है?
४) अविचल श्रद्धा से हमें क्या प्राप्त होता है?
५) निराशा का विलोम शब्द बताइए।
प्रश्न :2. Marks :
5
निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (each question 1 mark)
हमारे देश में ही सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड सोलर पैनल का निर्माण करती है। अतः इसी पैनल की छत बनाकर धूप द्वारा
प्राप्त ऊर्जा से जल को तोड़कर गाड़ी के अंदर विद्युत विच्छेदन विधि का प्रयोग किया जाए जाएगा उससे हाइड्रोजन तथा
ऑक्सीजन का निर्माण होगा ।तब उसे धूप चालित छोटे छोटे कपड़ों सर्व द्वारा दो अलग-अलग टंकियों में जमा कराया
जाएगा और काम के समय यह दोनों गया से इंजन में जाकर गाड़ी को गति प्रदान करेगी । इसको केवल जल की आवश्यकता
होगी जिससे समय-समय पर बढ़ते रहने की आवश्यकता होगी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
क) हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का निर्माण कैसे करवाया जाता है?
ख) हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस ऑफ को टंकियों में कैसे भरा जाता है?
ग) गद्यांश में किस विधि के बारे में बताया गया है?
घ) इस इंजन में जल की क्या भूमिका होगी?
च) हमारे देश में कौन सी कंपनी सोलर पैनल का निर्माण करती है?
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Explanation:
१) मनुष्य के लिए अच्छी बात यह है कि वह सदा मानता रहे की उसके साथ सब अच्छा ही होगा।
२) जो मनुष्य ये सोचते है की हमे सफलता मिलेगी या नहीं , ऎसे लोग अपनी सफलता को पीछे दकेल देते है।
३) यदि हमारा मन शंका और निराशा से भरा हो तो हमारे कामो का परिणाम सदैव निराशा जनक होता है।
५) निराशा का विलोम· आशा।
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