मनुष्य के जीवन में आस-पड़ोस का बहुत महत्व होता है। परंतु महानगरों में रहने वाले लोग प्राय: 'पड़ोस कल्चर' से वंचित रह जाते हैं। इस बारे में अपने विचार लिखिए।
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यह बात बिल्कुल सही तथा व्यावहारिक है कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसके आस पड़ोस में रहने वाले व्यक्तियों की अहम भूमिका होती है।
भारत का समाज साथ मिल जुलकर रहने वाला समाज है। भारत की ज्यादातर आबादी गांव में रहने के कारण यहां सभी लोग एक साथ रहते हैं।
साथ रहने के कारण हमारे पड़ोसी हमारे परिवार के रूप में हो जाते हैं। उनके साथ रहना सहना, खाना पीना, त्योहार मनाना इत्यादि होता है। सब्जी एक दूसरे के दुख सुख में एक दूसरे के साथ होते हैं।
लेकिन महानगरों में यह पड़ोस कल्चर ना के बराबर है। यहां के लोग अलग प्रांत और परिवेश से आने के कारण ज्यादा घुल मिल नहीं पाते हैं। ये लोग अपने तक सीमित रहते हैं। पड़ोसियों से ज्यादा मतलब नहीं रखते हैं।
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