मनुष्य के लिए प्रतिभा नहीं, उद्देश्य आवश्यक है। विश्वास करिए, आँख मूंदकर फेंका हुआ तौर अपना लक्ष्य नहीं वेध सकता। अर्थ होकर भागने से मार्ग नहीं करता। भला आप उस व्यक्ति के विषय में क्या सोचेंगे जो गाड़ी में सवार होने के लिए स्टेशन पहुंचा हुआ है, पर जिसे यह नहीं पता कि उसे जाना कहाँ है? हम सब भी संसार के रंगमंच पर आए हुए है। जीवन की नौका को संसार में खेने से पूर्व हमें जान सेना चाहिए कि हमें जाना कहाँ है? अतः हम अपनी इन आँखों को खोल ले, उद्देश्य बनाएँ और चल पढ़ें जिस नाविक ने लक्ष्य स्थिर नहीं किया, उसके अनुकूल हवा कभी नहीं चलेगी तुम शव नहीं हो कि संसार रूपी सागर की लहरें जिस किनारे चाहे तुम्हें ले जाएं, परिस्थितियाँ जिधर चाहें ले चलें भाग्य के नाम पर तुम्हें प्रवाह में बहना नहीं है, अपितु प्रवाह का रुख बदलना है।
(1) सफल जीवन के लिए क्या आवश्यक है?
(1) जीवन की नौका रखेने से पहले हमें क्या जान लेना चाहिए?
(ii) भाग्य का निर्माण स्वयं करने के लिए क्या आवश्यक है?
(iv) उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
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1 . मनुष्य के लिए प्रतिभा नही , उदेश्य आवश्यक
है ।
2 . जीवन की नौका को संसार में खोने से पहले
हमे ये जान लेना चाहिए कि हमे जाना कहा है।
3 . परिस्तितिया जिधर चाहे ले चले भाग्य के नाम
पर तुम्हे प्रवाह में बहन नही है , अपितु प्रवाह का
रुख बदलना है ।
4 . जीवन एक रंगमंच ।
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