Hindi, asked by farhankhan91, 3 months ago

मनुष्य का मन जैसी श्याम रंग में डूबता है, ऐसा होता जाता है​

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Answered by akhil1815
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Answer:

कवि कहता है इस अनुराग (प्रेम) में मग्न हृदय की अद्भुत प्रकृति को समझ पाना बड़ा कठिन है। ... इस कथन का आशय है कि व्यक्ति जितना-जितना श्याम (श्रीकृष्ण) के रंग (भक्ति या प्रेम) में डूबता है, त्यों-त्यों उसका हृदय पवित्र और प्रसन्न होता चला जाता है।

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