मनुष्य के नर जनन तंत्र वृषण का
क्या कार्य है
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Answer:
वृषण (Testicle या testis) सभी पशुओं तथा मानव में पाया जाने वाला नर जनन ग्रन्थि है। जिस प्रकार मादा (नारियों) में डिंबग्रंथि या अण्डाशय (ovary) होती है, उसी प्रकार नरों में वृषण होता है। वृषण के दो कार्य हैं- शुक्राणुओं का निर्माण, तथा पुंजन (ऐन्ड्रोजेन) का निर्माण (मुख्यतः टेस्टोस्टेरॉन नामक पुंजन का निर्माण)।
Answer:
वृषण मुख्य पुरुष सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन बनाने और शुक्राणु पैदा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वृषण के भीतर नलिकाओं के कुंडलित द्रव्यमान होते हैं जिन्हें अर्धवृत्ताकार नलिकाएं कहा जाता है। ये नलिकाएं शुक्राणुजनन नामक प्रक्रिया के माध्यम से शुक्राणु कोशिकाओं के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होती हैं।
Explanation:
मनुष्यों में एक जोड़ी वृषण मौजूद होते हैं। अंडकोष अंडकोश नामक थैली में शरीर के बाहर मौजूद होते हैं। वे अंडाकार शरीर हैं, लगभग 4 से 5 सेमी लंबाई और 2 से 3 सेमी चौड़े हैं। आम तौर पर, बायां वृषण दाएं से थोड़ा नीचे लटकता है।
परीक्षणों के दो प्राथमिक कार्य इस प्रकार हैं:
- टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन - एक पुरुष सेक्स हार्मोन।
- शुक्राणु या शुक्राणुजनन का उत्पादन - मनुष्य के जीन का वाहक।
प्रत्येक वृषण में लगभग 250 वृषण लोब्यूल या डिब्बे होते हैं।
वीर्य नलिकाओं में शुक्राणु बनते हैं। प्रत्येक वृषण लोब्यूल में एक से तीन सेमिनीफेरस नलिकाएं होती हैं। सेमिनिफेरस नलिकाएं दो प्रकार की कोशिकाओं द्वारा पंक्तिबद्ध होती हैं:
- स्पर्मेटोगोनिया या पुरुष रोगाणु कोशिकाएं - वे शुक्राणु पैदा करने के लिए शुक्राणुजनन से गुजरती हैं।
- सर्टोली कोशिकाएं - ये रोगाणु कोशिकाओं को पोषण प्रदान करती हैं।
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