मनुष्य की पीड़ा का कारण है?
(अ) मनुष्य के कर्म
(आ) मन की निर्भलता
(इ) मनुष्य की बुद्धि
(ई) मन में उत्पन्न विचार
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(ई) मन में उत्पत्र विचार
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सही विकल्प होगा...
✔ (अ) मनुष्य के कर्म
स्पष्टीकरण ⦂
मनुष्य की पीड़ा के कारण उसके कर्म होते हैं। मनुष्य जैसे कर्म करता है उसी के अनुसार उसे उसका फल भोगना पड़ता है। मनुष्य के कर्म ही उसकी खुशी और गम को निर्धारित करते हैं। यदि मनुष्य अच्छा सोचेगा, उसके विचार अच्छे होंगे, अच्छे कर्म करेगा तो उसे किसी तरह की पीड़ा का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन मनुष्य ऐसा नहीं कर पाता जिसके कारण निकृष्ट होते जाते हैं, जो मनुष्य की पीड़ा का कारण बनते हैं।
#SPJ3
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