मनुष्य को प्रकृति किस रूप में आंदोलित करती है? अपने शब्दों में लिखिए।
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उत्तर :
मनुष्य प्रकृति एक दूसरे से गहरी जुड़े हुए हैं ।मनुष्य प्रकृति का हिस्सा ही तो है प्रकृति उसे सदा आंदोलित करती रहती है तथा उसके विभिन्न प्रेरणाओं की आधार बनती है। आकाश में उमड़ते घुमड़ते बादल उड़ते रंग बिरंगे पक्षी तथा तरह तरह के कीड़े मकोड़े मानव को हमेशा आंदोलित करते हैं कि वह भी उनकी सारा आकाश में उड़ान भरी और मनुष्य ने हवा में उड़ान भरने के लिए साधन बना लिए। पानी में मछली की तरह तैरना सीख लिया; सागर की गहराइयों में गोते खाना सीख लिया। ऊंचे पेड़ों पर रहने वाले पक्षियों को देख ऊंचे ऊंचे भवनों में रहना सीख लिया। प्रकृति हमेशा मनुष्य को प्रेरणा देती है,दिशा दिखाती है। तभी तो वह तितली के रंगों से प्रेरित रंग बिरंगे कपड़े पहनना सीख गया।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answer:-
मनुष्य प्रकृति एक दूसरे से गहरी जुड़े हुए हैं ।मनुष्य प्रकृति का हिस्सा ही तो है प्रकृति उसे सदा आंदोलित करती रहती है तथा उसके विभिन्न प्रेरणाओं की आधार बनती है। आकाश में उमड़ते घुमड़ते बादल उड़ते रंग बिरंगे पक्षी तथा तरह तरह के कीड़े मकोड़े मानव को हमेशा आंदोलित करते हैं कि वह भी उनकी सारा आकाश में उड़ान भरी और मनुष्य ने हवा में उड़ान भरने के लिए साधन बना लिए। पानी में मछली की तरह तैरना सीख लिया; सागर की गहराइयों में गोते खाना सीख लिया। ऊंचे पेड़ों पर रहने वाले पक्षियों को देख ऊंचे ऊंचे भवनों में रहना सीख लिया। प्रकृति हमेशा मनुष्य को प्रेरणा देती है,दिशा दिखाती है। तभी तो वह तितली के रंगों से प्रेरित रंग बिरंगे कपड़े पहनना सीख गया।
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