Hindi, asked by shreyhs2007, 7 hours ago

मनुष्य का परिचय और श्री कवी क्यों नहीं मानता​

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Answered by pratimadevigee
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कवि परिचय

कवि - मैथिलीशरण गुप्त

जन्म - 1886( चिरगाँव )

मृत्यु - 1964

 

मनुष्यता पाठ प्रवेश

प्रकृति के अन्य प्राणियों की तुलना में मनुष्य में सोचने की शक्ति अधिक होती है। वह अपने ही नहीं दूसरों के सुख - दुःख का भी ख्याल रखता है और दूसरों के लिए कुछ करने में समर्थ होता है। जानवर जब चरागाह में जाते हैं तो केवल अपने लिए चर कर आते हैं, परन्तु मनुष्य ऐसा नहीं है। वह जो कुछ भी कमाता है ,जो कुछ भी बनाता  है ,वह दूसरों के लिए भी करता है और दूसरों की सहायता से भी करता है।

 

प्रस्तुत पाठ का कवि अपनों के सुख - दुःख की चिंता करने वालों को मनुष्य तो मानता है परन्तु यह मानने को तैयार नहीं है कि उन मनुष्यों में मनुष्यता के सारे गुण होते हैं। कवि केवल उन मनुष्यों को महान मानता है जो अपनों के सुख - दुःख से पहले दूसरों की चिंता करते हैं। वह मनुष्यों में ऐसे गुण चाहता है जिसके कारण कोई भी मनुष्य इस मृत्युलोक से चले जाने के बाद भी सदियों तक दूसरों की यादों में रहता है अर्थात वह मृत्यु के बाद भी अमर रहता है।

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