मनुष्य की सुधारक पूर्ति कैसी होनी चाहिए इस विषय पर अपना मत लिखिए
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अर्थशास्त्र केवल सामाजिक विज्ञान नहीं है - रोबिन्स के अनुसार मार्शल का यह विचार है कि अर्थशास्त्र केवल समाज में रहने वाले मनुष्यों की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन करता है। इसमें सभी मनुष्यों के सीमित साधनों से संबंधित कार्यों का अध्ययन किया जाता है चाहे वे व्यक्ति समाज के सदस्य हों या न हों।
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हर मनुष्य का अपना-अपना व्यक्तित्व है। वही मनुष्य की पहचान है। कोटि-कोटि मनु्ष्यों की भीड़ में भी वह अपने निराले व्यक्तित्व के कारण पहचान लिया जाएगा। यही उसकी विशेषता है। यही उसका व्यक्तित्व है। प्रकृति का यह नियम है कि एक मनुष्य की आकृति दूसरे से भिन्न है। आकृति का यह जन्मजात भेद आकृति तक ही सीमित नहीं है; उसके स्वभाव, संस्कार और उसकी प्रवृत्तियों में भी वही असमानता रहती है।
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