मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है, आत्मनिर्भरता तया सबसे बड़ा अवगुण है, स्वावलंबन का अभावास्वावलंबन सबके
।
लिए अनिवार्य है।जीवन के मार्ग में अनेक बाधाएँ आती हैं। यदि उनके कारण हम निराश हो जाएँ संघर्ष से जी चुराएँ
या मेहनत से दूर रहें तो भला हम जीवन में सफल कैसे होंगे? अत आवश्यक है कि हम स्वावलंबी बने तथा अपने
आत्मविश्वास को जाग्रत करके मज़बूत बनें। यदि व्यक्ति स्वयं में आत्मविश्वास जाग्रत कर ले तो दुनिया में ऐसा
कोई कार्य नहीं है जिसे वह न कर सके। स्वयं में विश्वास करने वाला व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब होता
जाता है। सफलता स्वावलंबी मनुष्य के पैर छूती है। आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से आत्मबल मिलता है,
जिससे आत्मा का विकास होता है तथा मनुष्य श्रेष्ठ कार्यों की ओर प्रवृत्त होता है। स्वावलंबन मानव में गुणों की
प्रतिष्ठा करता है। आत्मसम्मान, आत्मविश्वास, आत्मबल, आत्मरक्षा, साहस, संतोष, धैर्य आदि गुण स्वावलंबन
के सहोदर हैं। स्वावलंबन व्यक्ति, राष्ट्रतथा मानव मात्र के जीवन में सर्वांगीण सफलता प्राप्ति का महामंत्र है।
जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कौनसा गुण आवश्यक है -
(क) स्वावलंबन
(घ) परोपकार।
आत्मविश्वास कैसे जाग्रत होता है
(क) शक्ति से
(ख) स्वावलंबन से
(ग) धन से
(घ) अशिक्षा से।
मनुष्य का सबसे बड़ा अवगुण है -
(क) आत्मनिर्भरता (ख) आत्मसम्मान ग) स्वावलंबन का अभाव (घ) आलस्य
आत्मबल के लिए क्या आवश्यक है-
(क) आत्मसम्मान और साहस
(ख) संतोष और धैर्य
(ग) दया और परोपकार
स्थ) आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता।
(ख) वीरता
(ग) धीरता
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