मनुष्य की सफलता उसके परिश्रम के कारण मिलती है पर इस सफलता से उसे गर्वानुभूति नहीं होनी चाहिए इस कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए
( गर्व का अनुभव होना- गर्वानुभूति का मतलब)
Answers
Answered by
9
Answer:
- दिए गए गद्यांश का एक तिहाई शब्दों में सार लिखिए ।(5) इस संसार में धन ही सब कुछ नहीं है। धन की पूजा तो बहुत कम स्थानों में होती देखी गई है। संसार का इतिहास उठा कर देखिए तो आपको विदित हो जाएगा कि हम जिन की उपासना करते हैं, जिनके लिए अनेक स्मारक चिह्न बना कर खड़े करते हैं, उन्होंने रुपया कमाने में समय नहीं बिताया था, बल्कि उन्होंने कुछ ऐसे काम किए थे जिनकी महत्ता को हम रुपयों से अधिक मूल्यवान समझते हैं।जिन लोगों के जीवन का उद्देश्य केवल रूपया बटोरना है, उनकी प्रतिष्ठा कम हुई है। अधिकांश अवस्था में तो उन्हें किसी ने पूछा तक नहीं उन्होंने जन्म लिया, रुपया कमाया और परलोक चल दिए किसी ने जाना तक नहीं कि वह कौन थे और कहां गए मानव समाज स्वार्थी अवश्य है पर स्वार्थ की उपासना करना नहीं जानता अंत में वही पूजे जाते हैं, जिन्होंने अपने जीवन को अर्पण करते समय सच्चे मनुष्य का परिचय दिया है।
Similar questions