मनुष्य को सर्वश्रेष्ठ प्राणी इसलिए नहीं कहा गया है कि वह खाता, पीता ,सोता, हंसता ,चलता तथा संतान उत्पन्न करता है । यह सब कार्य तो पशु भी करते हैं। फिर मनुष तथा अन्य प्राणियों में क्या अंतर है। मनुष्य के पास विवेक है। मैं अच्छे और बुरे में अंतर कर सकता है। मानव अपनी बुद्धि बल से और सभी जीवो पर विजय प्राप्त करता आया है।इतना ही नहीं नए नए अनुसंधान तथा आविष्कारों द्वारा उसने अपने जीवन को सुख एवं सुविधाओं से भर दिया है।विज्ञान की गति यदि इस प्रकार होती रही तो वह दिन दूर नहीं जब यह पृथ्वी स्वर्ग बन जाएगी।आवश्यकता इस बात की है कि यह अपने विवेक और बुद्धि बल का प्रयोग विनाशकारी कार्यों में लेकर के रचनात्मक कार्यों में करें। आत्म संयम एवं विवेकी एक मात्र सुख और शांति का मार्ग है।
(क) गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए
(ख) पशु और मनुष्य में क्या समानताएं हैं ?
(ग) मनुष्य में पशुओं की अपेक्षा क्या गुण अधिक है ?
(घ) विज्ञान के दुरुपयोग से क्या खतरा है ?
Answers
Explanation:
(क). गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए ?
उत्तर. मनुष्य इस पृथ्वी पर सबसे सर्वश्रेष्ठ प्राणी है, लेकिन वह अपने बुद्धि का दुरुपयोग भी करता है.
(ख). पशु और मनुष्य में क्या समानताएं हैं ?
उत्तर. पशु और मनुष्य में यही समानता है कि मनुष्य खाता, पीता, सोता, हंसता, चलता तथा संतान उत्पन्न करता है, और यह कार्य पशु भी करते हैं.
(ग).मनुष्य में पशुओं के अपेक्षा क्या गुण है ?
उत्तर . गुण है कि वह अपनी बुद्धि और बल से सारे जीवो पर राज कर सकता है और इतना ही नहीं वह नए नए अविष्कारों द्वारा अपने जिंदगी को सुखमय बनाते हैं .
(घ). विज्ञान के दुरुपयोग से क्या खतरा है ?
उत्तर विज्ञान के दुरुपयोग से हमें खतरा है कि हमारे नए नए अविष्कारों के कारण पूरे जीवन पर प्रभाव पड़ता है जिसके वजह से पानी प्रदूषित होता जा रहा है और व्हाई यू पी अशुद्ध हो गया है और इसके कारण पूरे जीव जंतु मर रहे हैं.
hope it will help you!!!
Answer:
Concept:
गद्यांश में से उतर लिखो
Find:
(क) गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए
(ख) पशु और मनुष्य में क्या समानताएं हैं ?
(ग) मनुष्य में पशुओं की अपेक्षा क्या गुण अधिक है ?
(घ) विज्ञान के दुरुपयोग से क्या खतरा है ?
Given:
मनुष्य को सर्वश्रेष्ठ प्राणी इसलिए नहीं कहा गया है कि वह खाता, पीता ,सोता, हंसता ,चलता तथा संतान उत्पन्न करता है । यह सब कार्य तो पशु भी करते हैं। फिर मनुष तथा अन्य प्राणियों में क्या अंतर है। मनुष्य के पास विवेक है। मैं अच्छे और बुरे में अंतर कर सकता है। मानव अपनी बुद्धि बल से और सभी जीवो पर विजय प्राप्त करता आया है।इतना ही नहीं नए नए अनुसंधान तथा आविष्कारों द्वारा उसने अपने जीवन को सुख एवं सुविधाओं से भर दिया है।विज्ञान की गति यदि इस प्रकार होती रही तो वह दिन दूर नहीं जब यह पृथ्वी स्वर्ग बन जाएगी।आवश्यकता इस बात की है कि यह अपने विवेक और बुद्धि बल का प्रयोग विनाशकारी कार्यों में लेकर के रचनात्मक कार्यों में करें। आत्म संयम एवं विवेकी एक मात्र सुख और शांति का मार्ग है।
Explanation:
उत्तर (क)
गद्यांश का उचित शीर्षक मनुष्य और पशु में अंतर हो सकता है|
उत्तर (ख)
पशु और मनुष्य में समानताएं -
पशु और मनुष्य दोनों ही खाते है, पीते है, सोते है. हंसते है, चलते है और संतान उत्पन्न करते हैं।
उत्तर (ग)
मनुष्य में पशुओं की अपेक्षा अधिक गुण निम्लिखत है -
(I) मनुष्य के पास विवेक है।
(ii) वह अच्छे और बुरे में अंतर कर सकता है।
(iii) मानव अपनी बुद्धि और बल से सभी जीवो पर विजय प्राप्त करता आया है।
(iv) मनुष्य नए अनुसंधान तथा आविष्कारों द्वारा उसने अपने जीवन को सुख एवं सुविधाओं से भर दिया है।
उत्तर (घ )
विज्ञान से के दुरुपयोग के कारण प्रदूषण आयुर्वेद दुनिया के लिए खतरा बन गया है| विज्ञान के आविष्कारों से धार्मिक आस्था भी दिन रात कमजोर पड़ती जा रही है।
#SPJ3