मनुष्य के द्वितीय लैंगिक लक्षणों को लिखिए
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शुक्राणु का गतिशील होना - वृषण में शुक्राणु गतिशील नहीं होता, क्योंकि वृषण में थोड़े ही स्थान में असंख्य शुक्राणु रहते हैं। ...
डिंब और शुक्राणु का परिपक्व होना - संसेचन के लिए डिंब और शुक्राणु का परिपक्व होना भी आवश्यक है
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प्रश्न :- मनुष्य के द्वितीय लैंगिक लक्षणों को लिखिए ?
उतर :-
द्वितीय लैंगिक लक्षण :- वे लक्षण है जो यौवनारंभ के दौरान वृषण एवं अंडाशय शुक्राणु एवं अंडाणु उत्पन्न करते है l
पुरुषों में होने वाले द्वितीयक लैंगिक लक्षण है :-
- मूँछ व दाढ़ी का उगना l
- आवाज भारी होना l
- शरीर का सुडौल और बलशाली होना l
- शरीर की लंबाई बढ़ना l
- वृषण कोश का विकास l
- पुरुषों में यह परिवर्तन 12 से 16 वर्ष की आयु में प्रारंभ होते है l
महिलाओं में होने वाले द्वितीयक लैंगिक लक्षण है :-
- स्तन का विकास l
- आवाज का पतली और ऊंची होना l
- रजोधर्म का होने लगना l
- महिलाओं में यह परिवर्तन 12 से 14 वर्ष की आयु की में प्रारंभ होते है l
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