Hindi, asked by dharmendra7024993730, 1 month ago

मनुष्य के द्वितीय लैंगिक लक्षणों को लिखिए​

Answers

Answered by peehuthakur
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Answer:

शुक्राणु का गतिशील होना - वृषण में शुक्राणु गतिशील नहीं होता, क्योंकि वृषण में थोड़े ही स्थान में असंख्य शुक्राणु रहते हैं। ...

डिंब और शुक्राणु का परिपक्व होना - संसेचन के लिए डिंब और शुक्राणु का परिपक्व होना भी आवश्यक है

Explanation:

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Answered by RvChaudharY50
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प्रश्न :- मनुष्य के द्वितीय लैंगिक लक्षणों को लिखिए ?

उतर :-

द्वितीय लैंगिक लक्षण :- वे लक्षण है जो यौवनारंभ के दौरान वृषण एवं अंडाशय शुक्राणु एवं अंडाणु उत्पन्न करते है l

पुरुषों में होने वाले द्वितीयक लैंगिक लक्षण है :-

  • मूँछ व दाढ़ी का उगना l
  • आवाज भारी होना l
  • शरीर का सुडौल और बलशाली होना l
  • शरीर की लंबाई बढ़ना l
  • वृषण कोश का विकास l
  • पुरुषों में यह परिवर्तन 12 से 16 वर्ष की आयु में प्रारंभ होते है l

महिलाओं में होने वाले द्वितीयक लैंगिक लक्षण है :-

  • स्तन का विकास l
  • आवाज का पतली और ऊंची होना l
  • रजोधर्म का होने लगना l
  • महिलाओं में यह परिवर्तन 12 से 14 वर्ष की आयु की में प्रारंभ होते है l

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