Hindi, asked by djhdudjdj6, 7 days ago

मनुष्य की विशेषता उसके चरित्र में है। यदि एक मनुष्य दूसरों से अधिक आदरणीय माना जाता है, तो वह अपने चरित्र के कारण। एक व्यक्ति में चाहे कितने ही गुण हो, यदि उसका आचरण ठीक नहीं है तो वह सभ्य समाज में कभी आदर नहीं पा सकता। मनुष्य के जीवन में चरित्र का बड़ा भारी महत्त्व है। मनुष्य पशु से अपनी विवेक बुद्धि के कारण ही श्रेष्ठ है। चरित्रहीन व्यक्ति का विवेक व बुद्धि नष्ट हो जाती है। चरित्र के अभाव में मनुष्य का जीवन सुगंधरहित ढाक के फूल की तरह निस्सार है। उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- प्रश्न : 1. उपर्युक्त गद्यांश में प्रयुक्त रंगीन शब्दों के अर्थ लिखिए। 2. उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए। 3. उपर्युक्त गद्यांश का सार अपने शब्दों में लिखिए।​

Answers

Answered by manpreetkaurdpsvv
1

Answer:

उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।

Answered by uk5545871
0

Answer:

1 विवेक बुरे बल्ले का ज्ञान , निस्सार सार हीन

2 गद्यांश का शीर्षक चरित्र का महत्व है

3इस गद्यांश का सार मनुष्य का चरित्र है क्योंकि इस गद्यांश में मनुष्य के चरित्र के बारे में बात की गई है क्योंकि एक मनुष्य उसके चरित्र से आदरणीय माना जाता है मनुष्य में चाहे हजारों गुण है परंतु वह अपने चरित्र से ही आदर पाता है चरित के अभाव में मनुष्य का जीवन फूलों की तरह है

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