Hindi, asked by yashsuverna2, 5 months ago

मनुष्य कभी वास्तव में विरागी नही हो सकता। विराग म्यु का बोतका। जिसके साधरण स्पराग कहा जा है वह केवल अनुराग के केन्द्र को बदलने का दूसरा नाम है। अनुराग थाह है विरण तपित है। explain

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Answered by vinitaghogale15
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Answer:

fkgkfkkdjvjfkfkdkdwed sogkcooro odk gigj

Explanation:

hv.b.hnu

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