मनुष्य मे पशुत्व से भिन्नता दर्शाने वाली बाते लिखो
Answers
Answer:
वैसे तो आज की इस 21वीं सदी में मनुष्य में पशु से भिन्न कुछ भी नहीं रह गया है यदि बिन रह भी गया है तो यह कहा जा सकता है कि पशुओं में मानवता आ गई है और मानवों में से मानवता लुप्त हो गई है।परंतु आपके सवाल का सरल शब्दों में उत्तर देते हुए मैं यह कहना चाहूंगा कि मनुष्यों में पशुओं से भी यदि कोई गुण है तो वह यह है कि मनुष्य अपने दिमाग का उपयोग कर पाता है। और अपने दिमाग एवं मानसिक बल से वह अपनी वृद्धि कर पाया है। मनुष्य में बोलने की क्षमता होती है हालांकि पशु-पक्षी भी अपनी बोली में बात तो करते ही होंगे परंतु मानवों की बोली बहुत ही ज्यादा विकसित है एवं हम अपनी बोली के द्वारा अपने भावों को दर्शा पाते हैं। मनुष्य ना केवल अपने जीवन को सिर्फ खाने पीने और सोने में बिताता है बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी संपत्ति संक्रमित करके अपने आप को पशुओं से भिन्न साबित करता है
वैसे तो आज की इस 21वीं सदी में मनुष्य में पशु से भिन्न कुछ भी नहीं रह गया है यदि बिन रह भी गया है तो यह कहा जा सकता है कि पशुओं में मानवता आ गई है और मानवों में से मानवता लुप्त हो गई है।परंतु आपके सवाल का सरल शब्दों में उत्तर देते हुए मैं यह कहना चाहूंगा कि मनुष्यों में पशुओं से भी यदि कोई गुण है तो वह यह है कि मनुष्य अपने दिमाग का उपयोग कर पाता है। और अपने दिमाग एवं मानसिक बल से वह अपनी वृद्धि कर पाया है। मनुष्य में बोलने की क्षमता होती है हालांकि पशु-पक्षी भी अपनी बोली में बात तो करते ही होंगे परंतु मानवों की बोली बहुत ही ज्यादा विकसित है एवं हम अपनी बोली के द्वारा अपने भावों को दर्शा पाते हैं। मनुष्य ना केवल अपने जीवन को सिर्फ खाने पीने और सोने में बिताता है बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी संपत्ति संक्रमित करके अपने आप को पशुओं से भिन्न साबित करता है