मनुष्य ने आदर्शों को मज़ाक का विषय किस कारण बना लिया
Answers
Answered by
2
Answer:
लोभ-मोह, काम-क्रोध आदि विकार मनुष्य में स्वाभाविक रुप से विद्यमान रहते है, पर उन्हें प्रधान शक्ति मान लेना और अपने मन और बुद्धि को उन्हीं के इशारे पर छोड़ देना, बहुत निकृष्ट आचरण है। ... वे लक्ष्य की बात भूल गए और लोभ, मोह जैसे विकारों में फँसकर रह गए। आदर्श उनके लिए मज़ाक का विषय बन गया और संयम को दकियानूसी मान लिया गया।
I hope it will be helpful for you
please mark me as brainliest
Answered by
1
Answer:
You are right we have to think about it
Explanation:
But no one thinks about it
Similar questions