Hindi, asked by sherlinsaluja17, 1 month ago

मनुष्य ने स्वार्थवश बहुत-से पौधों एवं वनों को काटा है। वनों की कमी के कारण जलवायु म पारवतन आया है, ज़मीन बंजर होने लगी है तथा प्रकृति का संतुलन बिगड़ा है। पौधे मिट्टी से खनिज लवण और पानी लेते हैं। मिट्टी पौधों की वृद्धि के लिए अति आवश्यक है। पौधे की जड़ें मिट्टी के कणों को जकड़े रखती हैं और उसे बह जाने से रोके रखती हैं। ज़मीन पर गिरे हुए पत्ते भी ऊपर की मिट्टी को पानी के साथ बहा ले जाते हैं। इसी को मिट्टी का कटाव कहते हैं। मिट्टी के कटाव से महत्त्वपूर्ण जैविक पदार्थ खो जाते हैं तथा भूमि बंजर हो जाती है। प्रायः यह भी देखा गया है कि जहाँ 1 अधिक नहीं होते वहां वर्षा कम होती है और जब होती है तो बाढ़ आ जाती है बाढ़ के कारण एक और हानि यह होती है कि मिट्टी वह वह कर जल स्रोतों में जमा हो जाती है जिससे उनकी गहराई कम हो जाती है इस गद्यांश में प्रकृति का संतुलन बिगड़ने से क्या अभिप्राय है का आंसर बताइए ​

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Answered by sgokul8bkvafs
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Explanation:

इस प्रकार मानव ने प्रकृति में उपलब्ध कई ... सारे खनिज पदार्थ, जल संसाधन वन एवं वन्य जीवन,.

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