Hindi, asked by tamanna980, 4 months ago

मनुष्यता का दूसरा नाम: परोपकार
संकेत बिंदु:
परोपकार का अर्थ और प्रकृति
परोपकार मनुष्य का उत्तम गुण
जीवन की सार्थकता
परोपकार सच्चे आनंद का स्रोत।

Answers

Answered by shanigupta856
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Answer:

Good Question

Explanation:

रोपकार शब्द ‘पर और उपकार’ शब्दों से मिल कर बना है जिसका अर्थ है दूसरों पर किया जाने वाला उपकार। ऐसा उपकार जिसमें कोई अपना स्वार्थ न हो उसे परोपकार कहते हैं। परोपकार को सबसे बड़ा धर्म कहा गया है और करुणा, सेवा सब परोपकार के ही पर्यायवाची हैं। जब किसी व्यक्ति के अन्दर करुणा का भाव होता है तो वो परोपकारी भी होता है।

परोपकार का अर्थ

किसी व्यक्ति की सेवा या उसे किसी भी प्रकार के मदद पहुंचाने की क्रिया को परोपकार कहते हैं। यह गर्मी के मौसम में राहगीरों को मुफ्त्त में ठंडा पानी पिलाना भी हो सकता है या किसी गरीब की बेटी के विवाह में अपना योगान देना भी हो सकता है। कुल मिला के हम यह कह सकते हैं की किसी की मदद करना और उस मदद के एवज़ में किसी चीज की मांग न करने को परोपकार कहते हैं। दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो दूसरों की मदद करते हैं और कहीं न कहीं भारत में ये बहुत ज्यादा है।

मनुष्य जीवन का सार्थक अर्थ

कहते हैं की मनुष्य जीवन हमे इस लिये मिलता है ताकि हम दूसरों की मदद कर सकें। हमारा जन्म सार्थक तभी कहलाता है जब हम अपने बुद्धि, विवेक, कमाई या बल की सहायता से दूसरों की मदद करें। जरुरी नहीं की जिसके पास पैसे हो या जो अमीर हो वही केवल दान दे सकता है। एक साधारण व्यक्ति भी किसी की मदद अपने बुद्धि के बल पर कर सकता है। सब समय-समय की बात है, की कब किसकी जरुरत पड़ जाये। अर्थात जब कोई जरुरत मंद हमारे सामने हो तो हमसे जो भी बन पाए हम उसके लिये करें। यह एक जरूरतमंद जानवर भी हो सकता है और मनुष्य भी।

Answered by govindagari6
0

Answer:

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