Hindi, asked by narpat66, 11 months ago

मनुष्यता कविता में कवि ने हमे परोपकार के लिए कैसे प्रेरित किया है ?​

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Answered by shishir303
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“मनुष्यता” कविता ‘राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त’ द्वारा लिखी गयी है।

मनुष्यता कविता में कवि ने हमें अनेक उदाहरणों और प्रेरणादायक बातों के द्वारा परोपकार के लिये प्रेरित किया है।

कवि गुप्त जी कहते हैं कि हमें ऐसा जीवन व्यतीत करना चाहिए जो सदैव दूसरों के काम आए। मनुष्य को अपने स्वार्थ का त्याग करके परमार्थ के लिए काम करना चाहिये। जो मनुष्य सेवा, त्याग और बलिदान का जीवन जीते हैं और किसी महान कार्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं वो इतिहास में अमर जाते हैं, उनकी मृत्यु मृत्यु नही बल्कि सुमृत्यु कहलाती है।

कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर त्याग और बलिदान का संदेश दिया है। इन महान परोपकारी लोगों ने प्राणों की परवाह किए बिना लोक हित के लिए कार्य किए। दधीचि ने देवताओं की रक्षा के लिए अपनी हड्डियाँ दान दी, कर्ण ने अपना सोने का रक्षा कवच दान दे दिया, रति देव ने अपना भोजन थाल ही दे डाला, राजा शिवि ने अपनी शरण में आये  कबूतर की रक्षा के लिये अपना माँस ही दान दे दिया।

इस प्रकार कवि ने कवि प्राचीन भारत के महान लोगों के प्रेरणादायक उदाहरणों द्वारा हमें परोपकार के लिये प्रेरित किया है।

Answered by jainlavesh33
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मनुष्यता कविता में कवि ने हमें अनेक उदाहरणों और प्रेरणादायक बातों के द्वारा परोपकार के लिये प्रेरित किया है। कवि गुप्त जी कहते हैं कि हमें ऐसा जीवन व्यतीत करना चाहिए जो सदैव दूसरों के काम आए। मनुष्य को अपने स्वार्थ का त्याग करके परमार्थ के लिए काम करना चाहिये।

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