Hindi, asked by belieber123, 1 year ago

मनुष्यता कविता में कवि ने पशु प्रवृत्ति किसे कहा है

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Answered by bhatiamona
72

मनुष्यता कविता मैथिलीशरण गुप्त द्वारा लिखी है। इन कविता में कवि ने मनुष्य को किस प्रकार जीना चाहिए इसका वर्णन किया गया है|

मनुष्यता कविता में कवि ने पशु प्रवृत्ति से अभिप्राय यह है कि वह मनुष्य पशु के समान होता है जो सिर्फ अपने लिए जाता है और अपने स्वार्थ के बारे में  सोचता है| ऐसे मनुष्य और पशु में कोई अंतर नहीं होता है| ऐसे मनुष्य को मरने के बाद भी कोई याद नहीं रखता है|| मनुष्य को पशु प्रवृत्ति  की भावना नहीं रखनी चाहिए और दयालु और सब के प्रति प्यार भावना रखनी चाहिए|

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मनुष्यता कविता में अभिष्ट मार्ग किसे और क्यों कहा गया है।​

Answered by jayjoshi31100261
2

Answer:

मनुष्यता' कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि पशु-प्रवृत्ति किसे कहा गया है और मनुष्य किसे माना गया है ? उत्तर: कवि के अनुसार जो मनुष्य स्वयं अपने लिए ही नहीं जीता, बल्कि समाज के लिए जीता है, वह कभी नहीं मरा करता। ऐसा मनुष्य संसार में अमर हो जाता है, स्वयं अपने लिए खाना, कमाना और जीना तो पशु का स्वभाव है।

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Short Question Answer: मनुष्यता Notes | Study Hindi Class 10

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