मनुष्यता कविता और अब कहां दूसरे के दुखी होने वाले पाठ के केंद्रीय भाव एक ही है सिद्ध कीजिए
Answers
Answered by
5
Explanation:
मनुष्यता कविता में और पाठ अब कहां दूसरों के दुख से दुखी होने वाले का केंद्रीय भाव केवल यही है कि हमें सबको समान दृष्टि से देखना चाहिए और यदि वे संकट में हो तो उनकी सहायता करनी चाहिए, परोपकार करना चाहिए।
Answered by
13
Answer:
HEY I HAVE ANSWERED THIS QUESTION ACCORDING TO 5 MARKS QUESTION..
ANSWER IS IN ATTACHMENT
Explanation:
HOPE THIS WILL BE HELPFUL!
Attachments:
Similar questions