Hindi, asked by ak4199220, 7 months ago

मनुष्यता कविता और अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले पाठ का केंद्रीय भाव है कि है सिद्ध कीजिए​

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Answered by 08navya2
518

Answer:

मनुष्यता’ कविता के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहते हैं कि प्रत्येक मनुष्य को मानवीय गुणों का पालन करते हुए परहित में जीवनयापन करना चाहिए। उन्नति की राह में एक साथ आगे बढ़ना चाहिए। वह चाहता है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने व अपनों के हितों से पहले दूसरों के हितों की चिंता करे। अपने बल, बुद्धि, समृद्धि का प्रयोग सबके उत्थान के लिए करे और प्राणीमात्र से प्रेम करें।

Answered by vijayksynergy
3

सबको समान दृष्टि से देखना यही मनुष्यता कविता और अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले पाठ का केंद्रीय भाव है।

मनुष्यता कविता के बारे में:

  • "मनुष्यता" "मैथलीकरण गुप्त" द्वारा रचित काव्य है।
  • मनुष्य को अपना जीवन सुधारना चाहिए।
  • मनुष्य वही है जो मनुष्य बने और मनुष्य के लिए जिए और मरे।

कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले पाठ के बारे में:

  • "कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले" "निदा खान" द्वारा रचित है।
  • सारे संसार को एक परिवार की तरह रहना चाहिए।
  • मानव को ना मिटने वाली भूख को रोकना चाहिए।

#SPJ3

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