मनुष्यता कविता और अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले पाठ का केंद्रीय भाव है कि है ,सिद्ध कीजिए
Answers
Answered by
1
Answer:
इस पाठ में लेखक ने मानव द्वारों अपने स्वार्थ के लिए किये गए धरती पर किये गए अत्याचारों से अवगत कराया है। पाठ में बताया गया है की किस तरह मानव की न मिटने वाली भूख ने धरती के तमाम जीव-जन्तुओं के साथ खुद के लिए भी मुसीबत खड़ी कर दी है।
Answered by
2
Answer:
HEY I HAVE ANSWERED THIS QUESTION ACCORDING TO 5 MARKS QUESTION..
ANSWER IS IN ATTACHMENT
Explanation:
HOPE THIS WILL BE HELPFUL
Attachments:
Similar questions
Social Sciences,
2 months ago
Social Sciences,
2 months ago
Math,
2 months ago
Hindi,
5 months ago
Science,
5 months ago
Physics,
10 months ago
English,
10 months ago