Hindi, asked by karanpratapsingh9782, 4 months ago



मनुष्यता कविता और अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले पाठ का केद्रीय भाव एक ही है। सिद्व कीजिए।

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Answered by Anonymous
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  • मनुष्यता कविता में और पाठ अब कहां दूसरों के दुख से दुखी होने वाले का केंद्रीय भाव केवल यही है कि हमें सबको समान दृष्टि से देखना चाहिए और यदि वे संकट में हो तो उनकी सहायता करनी चाहिए, परोपकार करना चाहिए।♡~

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