मनुष्यता में अभिष्ट मार्ग किस और क्यों कहा गया है।
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मनुष्यता (अभ्यास)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
कवि ने कैसी मृत्यु को ‘सुमृत्यु’ कहा है?
उत्तर: जो मनुष्य दूसरों के लिए अच्छे काम कर जाता है उस मनुष्य को मरने के बाद भी लोग याद रखते हैं। कवि ने ऐसी मृत्यु को ही सुमृत्यु कहा है।
उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है?
उत्तर: जो आदमी पूरे संसार में अत्मीयता और भाईचारा का संचार करता है उसी व्यक्ति को उदार माना जा सकता है।
कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर ‘मनुष्यता’ के लिए क्या संदेश दिया है?
उत्तर: कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर मनुष्यता के लिए एक अहम संदेश दिया है। वे परोपकार का संदेश देना चाहते हैं। दूसरे का भला करने में चाहे अपना नुकसान ही क्यों न हो, लेकिन हमेशा दूसरे का भला करना चाहिए।
कवि ने किन पंक्तियों में यह व्यक्त किया है कि हमें गर्व रहित जीवन व्यतीत करना चाहिए?
उत्तर: कवि ने निम्न पंक्तियों में यह व्यक्त किया है कि हमें गर्व रहित जीवन व्यतीत करना चाहिए।
रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।
usne ye isliye kaha hai ki jo khud ke baare me hi soche.... jise dusroo ki chinta n hoo.... aaise vyakti ko kavi ne pashu-vrutti kaha hai....
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