मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै.......' के माध्यम से कवि ने कहना चाहा है कि
Answers
Answered by
3
Answer:
'मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै, यह तो सुमिरन नाहिं' के द्वारा कबीर ने आडंबर पूर्ण एवं दिखावे की भक्ति करने वालों पर व्यंग्य किया है। कवि कहना चाहता है कि ईश्वर की सच्ची भक्ति करने के लिए मन का केंद्रित होना आवश्यक है।
Explanation:
here is your answer
hope it helps
Answered by
0
Answer:
मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै से कवि कहना चाहा है कि ध्यान लगाते समय चंचल मन का ध्यान एक तरफ नहीं रहता है
Similar questions