History, asked by kiruthigaa3868, 9 months ago

मण्डनकृत दो रचनाओं के नाम लिखिए।

Answers

Answered by yuvrajsingh94142
22

Answer:

my answer

Explanation:

भारत में मंडल

आयोग सन १९७९ में तत्कालीन जनता पार्टी की सरकार द्वारा स्तापित किया गया था। इस आयोग का कार्य क्षेत्र सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ों की पहचान कराना था। श्री बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल इसके अध्यक्ष थे।मंडल कमीशन रिपोर्ट ने विभिन्न धर्मो (मुसलमान भी) और पंथो के 3743 जातियाँ (देश के 54% जनसँख्या) को सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक मापदंडो के आधार पर सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ा (संविधान में आर्थिक पिछड़ा नहीं लिखा है और कमीशन आर्थिक बराबरी के लिए भी नहीं था) घोषित करते हुए 27% (क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 50% अधिकतम का फैसला दिया था और पहले से SC/ST के लिए 22.5 % था), की रिपोर्ट दी।

इस मुद्दे के विरोधियों का तर्क है:

जाति के आधार पर कोटा आवंटन नस्लीय भेदभाव का एक रूप है और समानता का अधिकार के विपरीत है। हालांकि जाति और दौड़ के बीच सटीक रिश्ता दूर से अच्छी तरह से स्थापित है

Legislating सभी सरकारी शिक्षा संस्थानों में, ईसाई और मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों शुरू होगा के लिए आरक्षण प्रदान करने का एक परिणाम के रूप में [11] जो धर्मनिरपेक्षता के विचारों के विपरीत है और विरोधी धर्म के आधार पर भेदभाव का एक रूप है

hope it helps

Answered by bhatiamona
4

मंडन कृत दो रचनाओं के नाम इस प्रकार हैं...

रस रत्नावली

और

रस विलास

मंडन रीतिकाल के कवि माने जाते हैं। मंडन का निवास स्थान बुंदेलखंड क्षेत्र के जैतपुर गांव का रहा है। उनका समय का विक्रम संवत दो 1716 था, वह राजा मंगदसिंह के दरबारी कवि थे। हालांकि मंडन का कोई भी ग्रंथ प्रकाशित नहीं हुआ है, लेकिन सवैये कविताएं सभी यह बहुत सुनी जाती रहे हैं। मंडल ने के कुल 5 ग्रंथ ज्ञात हैं, जो इस प्रकार हैं रत्नावली, रसविलास, जनक पच्चीसी, जानकी जु को ब्याह, नैन पचासा आदि।

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