Hindi, asked by guptarupali62797, 4 months ago

मणि खोये भुजंग-सी जननी, फन सा पटक रही थी शीश
अन्धी आज बनाकर मुझको, किया न्याय तुमने जगदीश​

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Answered by bhatiamona
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मणि खोये भुजंग-सी जननी, फन सा पटक रही थी शीश

अन्धी आज बनाकर मुझको, किया न्याय तुमने जगदीश​

रस का भेद...?

रस : करुण रस

इस पंक्ति में करुण रस की उत्पत्ति हो रही है. क्योंकि पंक्ति में  दुख का भाव प्रकट हो रहा है।

करुण रस में किसी अपने प्रियजन के वियोग या अन्य किसी प्रकार की हानि अथवा प्रियतम से बिरह आदि के कारण जो दुख एवं वेदना उत्पन्न होती है, वहाँ करुण रस प्रकट होता है।

करुण रस का स्थाई भाव होता है और इसके अनुभाव छाती पीटना, गहरी सांस छोड़ना, लेना, लोटना, भूमि पर पछाड़ खाकर गिरना, विलाप करना आदि हैं।

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