Hindi, asked by karanvir2008, 6 months ago

मणिपुरी के डांस के नाम​

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Answered by AquibRazi
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Answer:

मूल भ्रांति और कहानियाँ अभी भी मीतई के पुजारियों या माइबिस द्वारा माइबी के रूप में सुनाई जाती हैं जो मणिपुरी की जड़ हैं। महिला "रास" नृत्‍य राधा-कृष्‍ण की विषयवस्‍तु पर आधारित है जो बेले तथा एकल नृत्‍य का रूप है। पुरुष "संकीर्तन" नृत्‍य मणिपुरी ढोलक की ताल पर पूरी शक्ति के साथ किया जाता है।

Answered by Dikshant21024
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Answer:  मूल भ्रांति और कहानियाँ अभी भी मीतई के पुजारियों या माइबिस द्वारा माइबी के रूप में सुनाई जाती हैं जो मणिपुरी की जड़ हैं। महिला "रास" नृत्‍य राधा-कृष्‍ण की विषयवस्‍तु पर आधारित है जो बेले तथा एकल नृत्‍य का रूप है। पुरुष "संकीर्तन" नृत्‍य मणिपुरी ढोलक की ताल पर पूरी शक्ति के साथ किया जाता है।

Some lines on manipuri dance

मणिपुरी नृत्‍य भारत के उत्‍तरी-पूर्वी भाग में स्थित राज्‍य मणिपुर में उत्‍पन्‍न हुआ । यह भारतीय शास्‍त्रीय नृत्‍यों की विभिन्‍न  शैलियों में से प्रमुख नृत्‍य है । इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण मणिपुर के लोग बाहरी प्रभाव से बचे रहे हैं और इसी कारण यह प्रदेश अपनी विशिष्‍ट परम्‍परागत संस्‍कृति को बनाये रखने में समर्थ है ।

मणिपुरी नृत्‍य का उद्भव प्राचीन समय से माना जा सकता है, जो लिपिबद्ध किये गये इतिहास से भी परे है । मणिपुर में नृत्‍य  धार्मिक और परम्‍परागत उत्‍सवों के साथ जुड़ा हुआ है । यहां शिव और पार्वती के नृत्‍यों तथा अन्‍य देवी-देवताओं, जिन्‍होंने सृष्टि की रचना की थी, की दंतकथाओं के संदर्भ मिलते हैं ।

लाई हारोबा मुख्‍य उत्‍सवों में से एक है और आज भी मणिपुर में प्रस्‍तुत किया जाता है, पूर्व वैष्‍णव काल से इसका उद्भव हुआ था । लाई हारोबा नृत्‍य का प्राचीन रूप है, जो मणिपुर में सभी शैली के नृत्‍य के रूपों का आधार है । इसका शाब्दिक अर्थ है- देवताओं का आमोद-प्रमोद । यह नृत्‍य तथा गीत के एक अनुष्‍ठानिक अर्पण के रूप में प्रस्‍तुत किया जाता है । मायबा और मायबी (पुजारी और पुजारिनें) मुख्‍य अनुष्‍ठानक होते हैं, जो सृष्टि की रचना की विषय-वस्‍तु को दोबारा अभिनीत करते हैं ।

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