मणिपुर की प्रेरणा देने वाली पंक्ति
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चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर,
ये लहर जो उठती उठने दे
करना अब तू कोई अगर मगर,
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर।
ये दुनिया एक तमाशा है
हर शख्स यहाँ पर प्यासा है,
ये प्यास है आगे बढ़ने की
यूँ ठहर के तू प्यासा न मार,
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर।
Explanation:
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर,
ये लहर जो उठती उठने दे
करना अब तू कोई अगर मगर,
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर।
ये दुनिया एक तमाशा है
हर शख्स यहाँ पर प्यासा है,
ये प्यास है आगे बढ़ने की
यूँ ठहर के तू प्यासा न मार,
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर।
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