मनहुँ नील मनी सैल पर आतप परयो पृकाश मे कौन सा अलंकार है
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Answer: 'उत्प्रेक्षा' अलंकार
परिभाषा–“जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाती है, वहाँ 'उत्प्रेक्षा' अलंकार होता है।”
उत्प्रेक्षा को व्यक्त करने के लिए प्रायः मनु, मनहुँ, मानो, जानेहुँ, जानो आदि वाचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
मनौ नीलमनि–सैल पर, आतपु पर्यो प्रभात॥
Answer:
"सोहत ओढ़े पीत पट श्याम सलोने गात ।मनो नीलमणि सैल पर आतप परयों प्रभात" में कौन -सा अलंकार है ?
इसका सही जवाब,
उत्प्रेक्षा अलंकार
Explanation:
सोहत ओढ़े पीत पट श्याम सलोने गात ।
मनो नीलमणि सैल पर आतप परयों प्रभात।।
पंक्ति में ‘उत्प्रेक्षा अलंकार’ है।
उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा के अनुसार- समानता की भावना के कारण उपपाठ में ही उपपाठ की उपस्थिति को व्यक्त करने के लिए कल्पना या व्यवहार्य होने पर रूपक अलंकरण की भावना होती है। उत्प्रेक्षा अलंकार प्रायः जो, जैसे, मानो, जैसे आदि शब्दों का प्रयोग करती है।
उदाहरण
मेरे खिलौने रूप पर मे कौन सा अलंकार है ?
= पंक्ति में " उपमा अलंकार " है
उपमा अलंकार की परिभाषा :-
एक उपमा भाषण का एक अलंकार है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी प्रसिद्ध जीव या वस्तु से करते समय किया जाता है।
अलंकार का अर्थ होता है :– श्मुक या श्रृंगार चांदी के आभूषणों को दर्शाता है जिसे सजावटी विशेषताओं के रूप में संदर्भित किया जाता है। अलंकारों की शोभा कविताओं के सौन्दर्य से बढ़ जाती है; अलंकार अपने आप में सौन्दर्य नहीं हैं। अलंकारों को मिलाकर काव्य को आकर्षक बनाया जाता है।
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